लेखनी - जिम्मेदारी

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जिम्मेदारी... ज़िम्मेदारियों की कोई उम्र नहीं होती, जन्म से लेकर बुढ़ापे तक, बस यही तो हमेशा साथ होतीं, नन्हे नन्हे हाथों में, जब कलम की जगह, ढाबों पर सफाई का कपड़ा ...

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