भूली बिसरी यादें

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सुबह की किरणें हैं जब खिड़की से आती हैं बीते लम्हों की याद दिलाती हैं! एक रिश्ता कैसा था? प्रेम के दीप जलते थे पीली रोशनी में ख़ुशी के पल बसते ...

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