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रचयिता-प्रियंका भूतड़ा शीर्षक- थैली हूं मैं, थैली हूं थैली हूं मैं, थैली हूं। चारों तरफ फैली हूं।। हर क्षेत्र में है मेरा वास। हर जगह है मेरा काम।। थैली हूं मैं, ...