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तेरी मुस्कान (कुछ मुक्तक) मापनी 16/14 तेरी ये शोख है मुस्कान चलती तेज दिल पर छूरी। तुझे बस देखते ही रहना दिल की मेरे मजबूरी। तुम्हें देखा तुम्हें चाहा सराहते तुम्हें ...