पच्चीस साल बाद……..। उसी झील के किनारे सुबह के समय एक युवती खड़ी हुई थी। उसके काले लंबे बाल हवा में कलात्मक ढँग से लहरा रहे थे। बीटल जैसी आंखे सूरज ...

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