1 Part
505 times read
20 Liked
दो रोज पहले, पापा जी! आपका ख़त आया, ख़ुशी से झूम गई मैं, यूँ लगा मेरे घर से कोई आया। उस ख़त को सीने से लगा, बाबलों सी ...