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कविता सं -हार की जीत स्वतंत्र चिड़िया ही बनाती है घोंसला बंद पिंजरे में तो बंद हो जाती है हौसला हारी कटी पतंग समझते हैं जिसको असर में स्वतंत्र उड़ चली ...