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शब्दों से ही है पहचान मेरी, कहलाता हूँ कवि रोशन करना चाहूँ सम्पूर्ण जग को बनकर रवि। शब्दों की नित नवीन माला चाहता हूँ मैं बुनना कटु ही सही किंतु यथार्थ ...