शीतल समीर -लेखनी कविता -08-Jun-2022

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देखो बह रही है मादक शीतल समीर चारों ओर शीतलता का फैलाती नीर। कभी संदेशा प्रियतम का संग में लाती है कभी विरह का दर्द प्रेमी तक पहुँचाती है। मंद-मंद गति ...

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