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गंगा हिमखंड से निकला अमृत जिसे मातृ तुल्य वैतरणी कहा कब और कहां मिलाया विष स्वयं विषधर को भी रास न आया कभी सोचा, कभी तुमने ध्यान लगाया। मां कह कर ...