लेखनी प्रतियोगिता -09-Jun-2022

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कहने को तो पावन‌ गंगा सबके पाप धोती है, सबके बुरे मनोभावों को वो खुद में पिरोती है।  लेकिन हकीकत इन सबसे कहीं परे होती है, पाप और बुराई के संगछोड़ ...

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