1 Part
287 times read
16 Liked
कली रही है आज तक,खिलकर हुई गुलाब। देख देख शरमा गया,ये चाँद आफताब।। बनकर दुल्हन है चली,पिया मिलन की चाह। ये सुख दुख की छाँव में,कट जाएंगे राह।। अम्मा की है ...