टुटे पंख

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टूटे पंखों को ले करके, कैसे जीवन जीना हो। किसको कहते साथ चले हम, घोर हला जब पीना हो। छाये बादल काले ग़म के, कहीं नहीं उजियारा है। बीच भँवर में ...

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