वो औरत

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वो औरत  जो सुनहरे ख्वाब  संजोती सबके लिए""" पर न जाने  सपने सारे ही  ध्वस्त, परास्त होते स्वयं के लिए""" बना देवी  त्याग, सहनशीलता  के गुणों से नवाजते अपने स्वार्थ के ...

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