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कविता-बिन बुलाए मेहमान बड़े ठाठ से दावत खाने, पहुंचे गंगू भाई तन पर शूट बूट पांव में,टांग गले में टाई कभी घराती कभी बराती,ठन बन दौड़ मचाते ठाट बाट से कौन ...