21 Part
399 times read
15 Liked
शाम हो चुकी थी । ज़ोया अपने कमरे में बैठी पढ़ रही थी या यूं कहे की सिर्फ हम्माद से नाराज़गी की वजह से वो मजबूरन किताब खोले बैठी थी नही ...