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बांसुरी बजती रही, अधर कान्हा के सजती रही। मंत्रमुग्ध वह करती रही। प्रेमपाश मैं बांधती रही। प्यारे से पास बुलाती रही, मन की बातें बताती रही। सबको नाच नाचाती रही, राधा ...