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मेरे कलाइयों का यह अति सुंदर कंगना खनक याद दिलाए बाबुल का अंगना। चिड़िया सी चहकती तितली सी उड़ती अभी यहाँ तो अभी वहाँ मैं थी फिरती। खुलकर हँसती चीखती और ...