रामचरित मानस

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दोहा : * सुठि सुंदर संबाद बर बिरचे बुद्धि बिचारि। तेइ एहि पावन सुभग सर घाट मनोहर चारि॥36॥ भावार्थ:-इस कथा में बुद्धि से विचारकर जो चार अत्यन्त सुंदर और उत्तम संवाद ...

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