लेखनी प्रतियोगिता -17-Jun-2022 कलमकार

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अधूरे रह गए जिनके मुहब्बत के सफ़र अक्सर उन्ही के शेर पर महफ़िल कहती है मुकर्रर सोचता था मुहब्बत में कुछ नही होता खुशियों से बढ़कर और फिर उसका बिछड़ना अपनी ...

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