लेखनी प्रतियोगिता -19-Jun-2022मन की मनमानी

1 Part

507 times read

16 Liked

मनमानी करते रहे ,नहीं मिला कोई ठोर। मन तो अति बावला रोज मचाए शोर। घुम वह तो इधर उधर दौड़ता है बहुत तेज, कभी वृंदावन में घूमे ,कभी जाइए किसी माँल। ...

×