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मनमानी करते रहे ,नहीं मिला कोई ठोर। मन तो अति बावला रोज मचाए शोर। घुम वह तो इधर उधर दौड़ता है बहुत तेज, कभी वृंदावन में घूमे ,कभी जाइए किसी माँल। ...