रामचरित मानस

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श्री सीता-त्रिजटा संवाद दोहा : * जहँ तहँ गईं सकल तब सीता कर मन सोच। मास दिवस बीतें मोहि मारिहि निसिचर पोच॥11॥ भावार्थ:-तब (इसके बाद) वे सब जहाँ-तहाँ चली गईं। सीताजी ...

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