रामचरित मानस

210 Part

41 times read

1 Liked

लंकादहन दोहा : * कपि कें ममता पूँछ पर सबहि कहउँ समुझाइ। तेल बोरि पट बाँधि पुनि पावक देहु लगाइ॥24॥ भावार्थ:-मैं सबको समझाकर कहता हूँ कि बंदर की ममता पूँछ पर ...

Chapter

×