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लंकादहन दोहा : * कपि कें ममता पूँछ पर सबहि कहउँ समुझाइ। तेल बोरि पट बाँधि पुनि पावक देहु लगाइ॥24॥ भावार्थ:-मैं सबको समझाकर कहता हूँ कि बंदर की ममता पूँछ पर ...