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सुबेल पर श्री रामजी की झाँकी और चंद्रोदय वर्णन चौपाई : * इहाँ सुबेल सैल रघुबीरा। उतरे सेन सहित अति भीरा॥ सिखर एक उतंग अति देखी। परम रम्य सम सुभ्र बिसेषी॥1॥ ...