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लंकाकाण्ड रावण को पुनः मन्दोदरी का समझाना * साँझ जानि दसकंधर भवन गयउ बिलखाइ। मंदोदरीं रावनहिं बहुरि कहा समुझाइ॥35 ख॥ भावार्थ:- सन्ध्या हो गई जानकर दशग्रीव बिलखता हुआ (उदास होकर) महल ...