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खोल कर, आज की तारीख खोज कर, लिखने के इरादे से बैठा ही था कि डायरी बंद कर देनी पड़ी. घंटी बजी, जाना पड़ा. डर लगा कोई ‘लंबी-बैठक’ वाला पुराना दोस्त ...