210 Part
37 times read
1 Liked
लंकाकाण्ड देवताओं की स्तुति, इंद्र की अमृत वर्षा दोहा : * बरषहिं सुमन हरषि सुर बाजहिं गगन निसान। गावहिं किंनर सुरबधू नाचहिं चढ़ीं बिमान॥109 क॥ भावार्थ:-देवता हर्षित होकर फूल बरसाने लगे। ...