रामचरित मानस

210 Part

38 times read

1 Liked

विभीषण का वस्त्राभूषण बरसाना और वानर- भालुओं का उन्हें पहनना * बहुरि विभीषन भवन सिधायो। मनि गन बसन बिमान भरायो॥ लै पुष्पक प्रभु आगें राखा। हँसि करि कृपासिंधु तब भाषा॥2॥ भावार्थ:-फिर ...

Chapter

×