रामचरित मानस

210 Part

25 times read

1 Liked

चौपाई : * गयउ गरुड़ जहँ बसइ भुसुण्डा। मति अकुंठ हरि भगति अखंडा॥ देखि सैल प्रसन्न मन भयउ। माया मोह सोच सब गयऊ॥1॥ भावार्थ:-गरुड़जी वहाँ गए जहाँ निर्बाध बुद्धि और पूर्ण ...

Chapter

×