रामचरित मानस

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चौपाई : * बहुरि राम अभिषेक प्रसंगा। पुनि नृप बचन राज रस भंगा॥ पुरबासिन्ह कर बिरह बिषादा। कहेसि राम लछिमन संबादा॥1॥ भावार्थ:-फिर श्री रामजी के राज्याभिषेक का प्रसंग फिर राजा दशरथजी ...

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