गरीबी का पिता

86 Part

138 times read

0 Liked

सांय-सांय करती हवा रातभर दरवाजे से टकराती रही. दरवाजे के छेदों में उसने कपड़े ठूंस रखे थे, लेकिन कपड़े बौखलाये भेड़िये के सामने निहत्थे बच्चे की तरह कमजोर साबित हुए थे. ...

Chapter

×