लेखनी कविता -24-Jun-2022

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*बेकरारी* सावन की घटा फिर घिर आई कारे कारे बादल ने ली अंगड़ाई  अम्बा की डाली पर कोयल बैठी  मधुर तान से कानों में घोले मिश्री आसमान इन्द्र धनुष रंगों से ...

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