210 Part
79 times read
1 Liked
चौपाई : * ममता दादु कंडु इरषाई। हरष बिषाद गरह बहुताई॥ पर सुख देखि जरनि सोइ छई। कुष्ट दुष्टता मन कुटिलई॥17॥ भावार्थ:-ममता दाद है, ईर्षा (डाह) खुजली है, हर्ष-विषाद गले के ...