एक हलचल मचाती रहीं हिचकियां

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प्रतियोगिता हेतु ग़ज़ल हाल दिल का बतातीं रहीं हिचकियां। रात भर हमको आती रहीं हिचकियां।। सच बताना कि कल रात मेरी तरहां। क्या तुम्हें भी समाती रहीं हिचकियां।। दूरियां थीं बहुत ...

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