रामचरित मानस

210 Part

69 times read

2 Liked

... चौपाई : * कहेउँ परम पुनीत इतिहासा। सुनत श्रवन छूटहिं भव पासा॥ प्रनत कल्पतरु करुना पुंजा। उपजइ प्रीति राम पद कंजा॥1॥ भावार्थ:-मैंने यह परम पवित्र इतिहास कहा, जिसे कानों से ...

Chapter

×