लेखनी कविता -26-Jun-2022

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कर्म  किसी पर निर्भर मत हो हे मानव,  अपना कर्म खुद कर हे मानव।  भगवान ने तुझे सबसे उत्तम बनाया हे मानव,  उस देन का शुक्रगुजार कर हे मानव।  अपने जीवन ...

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