1 Part
284 times read
15 Liked
रचीयता-प्रियंका भूतड़ा शीर्षक-जैसा कर्म वैसा भरण कर्म की गठरी लादकर चल रहा इंसान जैसे करोगे वैसा भरोगे यही विधाता का विधान रखो अपने विचारों में सहजता तभी मिलती है कर्मों की ...