लेखनी प्रतियोगिता -27-Jun-2022 मुक्तक : परवाह

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कितनी परवाह करते हो, बताने की जरूरत नहीं  तुम्हारी आंखों से ही सब कुछ समझ आ जाता है  नींद में भी तुम्हारे लबों पर , मेरा ही नाम रहता है  मेरे ...

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