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पकड़ के तेरा हाथ, अपने करीब ले आऊँ, आजा तेरे इन नाज़ुक हाथों में कंगन पहनाऊँ। तू शांत खड़ी हो कर मुझे निहारती रहे, जब मैं प्यार से तुझ को साड़ी ...