कश्मकश - ज़िंदगी की

2 Part

698 times read

16 Liked

अवनि  की तंद्रा उसके रूम के गेट पर किसी के दस्तक से टूटती है वो आँखो में आये आँसू पौछ कर गेट खोलती है तो सामने विजय काका खड़े थे।  विजय ...

×