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*मंच को नमन* *विषय ओढ़कर धानी चुनरिया* ओढ़कर धानी चुनरिया, धरा यू हरसा रही। काली घटाएं नीले अंबर, व्योम घिरकर छा रही। आ गया सावन सुहाना, गीत कोयल गा रही। ...