शायद तुम नहीं आओगे -27-Jun-2022

1 Part

304 times read

14 Liked

शायद तुम नहीं आओगे ! सुनो आज फिर  उसी रेस्तरां में  मैं अकेला बैठी हूं, जहां ! हम दोनों हुआ करते थे, एक कप काॅफी तुम्हारे लिए भी  मंगवाई है  शायद ...

×