कविताः उड़ान

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कविताःउड़ान उड़ता है बाज ले अपने कंधों का विश्वास टूटेगी नहीं उसके पंखों का आकाश उम्मीद के दामन थामकर देखता है वह स्वप्न नीलांबर उसका है थाम लो दामन मजबूती सिर्फ ...

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