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जब से तेरी आंखों को पढ़ने लगा हूं मैं ख़ुद को अनपढ़ समझने लगा हूं तुम मुझे अब इतनी भी बुरी नहीं लगती जब से मैं इश्क़ को इश्क़ समझने लगा ...