कांपता स्वपन

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सब आहिस्ता-आहिस्ता जा रहे हैं। सब जानते हैं, समय निकट है, कभी भी हो सकता है, पर कोई रुक नहीं रहा। बीस दिन का इंतजार और वे सोचते हैं, पता नहीं ...

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