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उन दिनों कुछ भी सामान्य नहीं था। न मेरा जीवन, न मैं और न मेरी दिनचर्या। एक जुनून-सा छाया हुआ था दिलो-दिमाग पर। अपने-आप को खो देने का जुनून। अपने-आप को ...