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नभ में काली- काली बदरा छा जाती है प्रेम का राग छेड़कर मधुर गीत सुनाती हैं । बारिश की बूंदे,,,,,,,,,,,, अठखेलियाँ करके जिया ललचाती है छन,,,, से गिरकर तपती वसुधा को ...