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गज़ल खामोश दिल पे जख्म यूं खा भी नहीं सकते। यादों को तिरी हम यूं भुला भी नहीं सकते।। कुछ जिम्मेदारियों का बोझ तूने दिया है। हम पास तेरे चाह के ...