दरकार

1 Part

231 times read

15 Liked

अधूरे रिश्तों का अब ना है कोई सपना, मेरे टूटे दिल पर अब बस मेरी सरकार है। चाहता है गर तू इस सियासत पर हक अपना, ताउम्र साथ चाहिए बस यही ...

×