पलकों पर निंदिया -03-Jul-2022

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कविता -पलकों पर निंदिया  पल पल पल भर के लिए पलकों पर नींद लिए सोंचता हूं आज भी  सपना साकार करो।  नैयना विशाल लिए  अरुण तिलक भाल दिए सिर मोर मुकुट ...

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